Everything you crave Coming right up
आरव अब पूरी तरह बदल चुका है। वो घंटों अकेले बैठा किसी से बातें करता है… “मुझे कामला आंटी ने कहा है…” यह मासूमियत नहीं, किसी अदृश्य शक्ति का प्रभाव है।
आरव अब पूरी तरह बदल चुका है। वो घंटों अकेले बैठा किसी से बातें करता है… “मुझे कामला आंटी ने कहा है…” यह मासूमियत नहीं, किसी अदृश्य शक्ति का प्रभाव है। आरती को लगता है कि यह सब उसका वहम है, लेकिन जब वह हवेली के तहखाने में छुपी पुरानी तस्वीरें और एक जल चुकी औरत की झलक देखती है — तो उसे यकीन हो जाता है… यह हवेली उसके बेटे को छीनने वाली है। शेखर इसे मनोवैज्ञानिक भ्रम समझता है, पर रात के तीसरे पहर में खुलते दरवाज़े, खून से सने खिलौने, और आईने में दिखती किसी और की परछाई — सिर्फ कल्पना नहीं हो सकती। कामला सिर्फ आत्मा नहीं… वो है एक अधूरी माँ की अधूरी ममता — जो अब आरव को अपना मान चुकी है। कामला Part 2 डर की गहराई बढ़ाता है — जहाँ हवेली की हर दीवार, एक कहानी नहीं, एक चीख दबाए बैठी है।
26 Seasons